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ढूंढोगे अगर तो ही रास्ते मिलेगे
मंजिलों की फितरत हे
खुद चल कर नहीं आती
संघर्षों की आंधी में हम अपना दीप जलाएंगे
तूफानों की क्या मजाल जो जलते दीप बुझायेंगे
आंखों में नहीं तुम्हें दिल में उतारना चाहते हैं
बस कुछ पल नहीं
हर पल तुम्हारे साथ गुजारना चाहते हैं
झूठ कहते हैं लोग कि मोहब्बत सब कुछ छीन लेती है
मैंने तो मोहब्बत करके गम का खजाना पा लिया
मिलता कुछ भी नहीं मोहब्बत में सब कुछ लुटा के
नजरें झुका के गुजर जाओ अगर कोई प्यार से देखें
देख रहा हूं सामने बैठी लड़की को
सोच रहा हूं एक मोहब्बत और सही
मन की बात के अजब गिले हैं
कोई जरिया नहीं मिलता
किसी से नजर नहीं मिलती
तो किसी नजरिया नहीं मिलता
तुम दुआये ना मांगो बारिश की
कोई मिट्टी का भी तो घर होगा
एक वादा है किसी का जो पूरा नहीं होता
वरना इन तारो भरी रातों में क्या होता नहीं