Bachpan Shayari
कितना झूमते थे, कूदते थे खेत और खलिहानों में ज़िन्दगी कैद हो गई अब शहर के फ्लैट और मकानों में ।
कितना झूमते थे, कूदते थे खेत और खलिहानों में ज़िन्दगी कैद हो गई अब शहर के फ्लैट और मकानों में ।
सच्चा प्यार उसको कभी नसीब न हो मेरे जेसा दूनिया मे कोई गरीब ना हो। …