वादा टूटा दिल टूटा एक खुदा रूठ गया ।
तेरी यादों की इबादत में मनमंदिर छूट गया।
डरते हैं तेरे इंतजार में कैसे गुजरेगी ।।
आखिर जिंदगी है कोई रात को नहीं।।
कांच के जैसा रिश्ता था मेरा
इक आहट से टूट गया
तू जो बदला बदला जमाना मे
मेरा खुदा भी रूठ गया ।