AK Shayari June 4, 2020 by akshayari सिर कटे हैं झुके नहीं धड़ लड़े हैं रुके नहीं राजपूत सिंह नाम रख जग भयो क्षत्रिय भाइयों न कोई वचन के खातिर जो प्राण दिओ वही क्षत्रिय हुए